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Dr. Manmohan Singh |
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर: देश ने खोया एक महान नेता
भारत को एक दुखद समाचार मिला, जब भारत के 13वें प्रधानमंत्री और एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने 26 दिसंबर, 2024 को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली में अंतिम सांस ली। भारतीय राजनीति में एक कद्दावर व्यक्ति, डॉ. सिंह के निधन ने एक ऐसा शून्य छोड़ दिया है जिसे भरना मुश्किल होगा। अपनी विनम्रता, ईमानदारी और दूरदर्शी नीतियों के लिए जाने जाने वाले, वे अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं जिसने आधुनिक भारत को आकार दिया।
डॉ. मनमोहन सिंह का ऐतिहासिक योगदान
1991 के आर्थिक सुधार: भारतीय अर्थव्यवस्था का नया युग
डॉ. सिंह ने भारत को आर्थिक संकट से उबारने के लिए 1991 के आर्थिक सुधार लागू किए। उन्होंने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की नीतियों को लागू किया, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली। आज भारत जिस आर्थिक स्थिरता और विकास का आनंद ले रहा है, उसकी नींव डॉ. सिंह ने रखी थी।
प्रधानमंत्री के रूप में ऐतिहासिक पहल (2004-2014)
प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने कई ऐसी नीतियों को लागू किया, जिसने करोड़ों भारतीयों के जीवन को प्रभावित किया।
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मनरेगा (MGNREGA):
यह योजना ग्रामीण भारत के लाखों लोगों के लिए रोजगार का सबसे बड़ा जरिया बनी। -
RTI अधिनियम (2005):
उन्होंने यह कानून लागू किया, जिससे सरकार और प्रशासन को पारदर्शी बनाया गया। -
आधार कार्ड (UIDAI):
भारत में डिजिटल पहचान प्रणाली की शुरुआत की, जो आज करोड़ों लोगों के लिए लाभकारी साबित हो रही है। -
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM):
गरीब और पिछड़े वर्गों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सुनिश्चित किया।
सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री
डॉ. मनमोहन सिंह न केवल भारत के बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा बने। उन्होंने सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रच दिया।
डॉ. सिंह का व्यक्तिगत जीवन और शिक्षा
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत (अब पाकिस्तान) में हुआ। गरीबी और संघर्षों के बीच उन्होंने शिक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाया।
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शिक्षा:
उन्होंने कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल की। -
सरल जीवन:
उन्होंने हमेशा सादगी भरा जीवन जिया और विवादों से दूर रहे।
देश के प्रति डॉ. सिंह का समर्पण
डॉ. सिंह का नेतृत्व भारत के विकास और सामाजिक एकता का प्रतीक था। उन्होंने सभी वर्गों, धर्मों और समुदायों के प्रति समान दृष्टिकोण अपनाया।
देश में शोक की लहर
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री, विपक्षी नेता और दुनिया भर के कई नेताओं ने उनके योगदानों की सराहना की और संवेदनाएं प्रकट की।
अंतिम श्रद्धांजलि
डॉ. मनमोहन सिंह को उनके विचारों, नीतियों और उनके संवेदनशील नेतृत्व के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उनका योगदान भारत के इतिहास में अमिट रहेगा।
"भारत ने आज एक महान नेता, दूरदर्शी अर्थशास्त्री और संवेदनशील इंसान को खो दिया है। उनका जीवन और योगदान हमेशा हमें प्रेरित करता रहेगा।"
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